RamCharitManas (RamCharit.in)

इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

स्तुति चालीसा संग्रह | Collection of Stuti Chalisa

अप्रमेय स्तोत्रं | नमोऽप्रमेयाय वरप्रदाय सौम्याय नित्याय रघोत्तमाय

Spread the Glory of Sri SitaRam!

अप्रमेय स्तोत्रं

नमोऽप्रमेयाय वरप्रदाय सौम्याय नित्याय रघोत्तमाय ।
वीराय धीराय मनोपराय देवाधिदेवाय नमो नमस्ते ॥ १॥

भवाब्धिपूतं भुवनैकनाथं कृपासमुद्रं शरदिन्दुवासम् ।
देवाधिदेवं प्रणतैकबन्धुं नमामि ओमीश्वरमप्रमेयम् ॥ २॥

अप्रमेयाय देवाय दिव्यमङ्गलमूर्तये ।
वरप्रदाय सौम्याय नमः कारुण्यरूपिणे ॥ ३॥

आस्तिकार्थित कल्पाय कौस्तुभालङ्कृतोरसे ।
ज्ञानशक्त्यादिपूर्णाय देवदेवाय ते नमः ॥ ४॥

अप्रमेयाय देवाय मेघश्यामल मूर्तये ।
विश्वम्भराय नित्याय नमस्तेऽनन्तशक्तये ॥ ५॥

भक्तिवर्धनवासाय पद्मवल्लिप्रियाय च ।
अप्रमेयाय देवाय नित्यश्री नित्यमङ्गलम् ॥ ६॥

इति अप्रमेयस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

 

 


Spread the Glory of Sri SitaRam!

Shiv

शिव RamCharit.in के प्रमुख आर्किटेक्ट हैं एवं सनातन धर्म एवं संस्कृत के सभी ग्रंथों को इंटरनेट पर निःशुल्क और मूल आध्यात्मिक भाव के साथ कई भाषाओं में उपलब्ध कराने हेतु पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं। शिव टेक्नोलॉजी पृष्ठभूमि के हैं एवं सनातन धर्म हेतु तकनीकि के लाभकारी उपयोग पर कार्यरत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सत्य सनातन फाउंडेशन (रजि.) भारत सरकार से स्वीकृत संस्था है। हिन्दू धर्म के वैश्विक संवर्धन-संरक्षण व निःशुल्क सेवाकार्यों हेतु आपके आर्थिक सहयोग की अति आवश्यकता है! हम धर्मग्रंथों को अनुवाद के साथ इंटरनेट पर उपलब्ध कराने हेतु अग्रसर हैं। कृपया हमें जानें और सहयोग करें!

X
error: