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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

जरहिं बिषम जर लेहिं उसासा। कवनि राम बिनु जीवन आसा॥ बिपुल बियोग प्रजा अकुलानी। जनु जलचर गन सूखत पानी॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

जरहिं बिषम जर लेहिं उसासा। कवनि राम बिनु जीवन आसा॥
बिपुल बियोग प्रजा अकुलानी। जनु जलचर गन सूखत पानी॥3॥

भावार्थ:

लोग विषम ज्वर (भयानक दुःख की आग) से जल रहे हैं। लंबी साँसें लेते हुए वे कहते हैं कि श्री रामचंद्रजी के बिना जीने की कौन आशा है। महान्‌ वियोग (की आशंका) से प्रजा ऐसी व्याकुल हो गई है मानो पानी सूखने के समय जलचर जीवों का समुदाय व्याकुल हो!॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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