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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

जो कह रामु लखनु बैदेही। हिंकरि हिंकरि हित हेरहिं तेही॥ बाजि बिरह गति कहि किमि जाती। बिनु मनि फनिक बिकल जेहिं भाँती॥4॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

जो कह रामु लखनु बैदेही। हिंकरि हिंकरि हित हेरहिं तेही॥
बाजि बिरह गति कहि किमि जाती। बिनु मनि फनिक बिकल जेहिं भाँती॥4॥

भावार्थ:

जो कोई राम, लक्ष्मण या जानकी का नाम ले लेता है, घोड़े हिकर-हिकरकर उसकी ओर प्यार से देखने लगते हैं। घोड़ों की विरह दशा कैसे कही जा सकती है? वे ऐसे व्याकुल हैं, जैसे मणि के बिना साँप व्याकुल होता है॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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