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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

तब नारद हरि पद सिर नाई। चले हृदयँ अहमिति अधिकाई॥ श्रीपति निज माया तब प्रेरी। सुनहु कठिन करनी तेहि केरी॥4॥

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चौपाई :

तब नारद हरि पद सिर नाई। चले हृदयँ अहमिति अधिकाई॥
श्रीपति निज माया तब प्रेरी। सुनहु कठिन करनी तेहि केरी॥4॥

भावार्थ:

तब नारदजी भगवान के चरणों में सिर नवाकर चले। उनके हृदय में अभिमान और भी बढ़ गया। तब लक्ष्मीपति भगवान ने अपनी माया को प्रेरित किया। अब उसकी कठिन करनी सुनो॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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