तासु बिरोध न कीजिअ नाथा। काल करम जिव जाकें हाथा॥5॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
चौपाई :
तासु बिरोध न कीजिअ नाथा।
काल करम जिव जाकें हाथा॥5॥
भावार्थ:
हे नाथ! उनका विरोध न कीजिए, जिनके हाथ में काल, कर्म और जीव सभी हैं॥5॥
English :
IAST :
Meaning :