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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

निरखि राम सोभा उर धरहू। निज मन फनि मूरति मनि करहू॥ एहि बिधि सबहि नयन फलु देता। गए कुअँर सब राज निकेता॥4॥

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चौपाई : 

निरखि राम सोभा उर धरहू। निज मन फनि मूरति मनि करहू॥
एहि बिधि सबहि नयन फलु देता। गए कुअँर सब राज निकेता॥4॥

भावार्थ:

श्री रामचन्द्रजी की शोभा को निरखकर हृदय में धर लो। अपने मन को साँप और इनकी मूर्ति को मणि बना लो। इस प्रकार सबको नेत्रों का फल देते हुए सब राजकुमार राजमहल में गए॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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