पवन तनय सब कथा सुनाई। जेहि बिधि गए दूत समुदाई॥5॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
चतुर्थ: सोपान | Descent 4th
श्री किष्किंधाकांड | Shri kishkindha-Kand
चौपाई :
पवन तनय सब कथा सुनाई।
जेहि बिधि गए दूत समुदाई॥5॥
भावार्थ:
भावार्थ:-तब पवनसुत हनुमान्जी ने जिस प्रकार सब दिशाओं में दूतों के समूह गए थे वह सब हाल सुनाया॥5॥
English :
IAST :
Meaning :