प्रभु अवतार कथा पुनि गाई। तब सिसु चरित कहेसि मन लाई॥5॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
सप्तमः सोपानः | Descent 7th
श्री उत्तरकाण्ड | Shri Uttara Kanda
चौपाई :
प्रभु अवतार कथा पुनि गाई।
तब सिसु चरित कहेसि मन लाई॥5॥
भावार्थ:
फिर प्रभु के अवतार की कथा वर्णन की। तदनन्तर मन लगाकर श्री रामजी की बाल लीलाएँ कहीं॥5॥
IAST :
Meaning :