बंधु बंस तैं कीन्ह उजागर। भजेहु राम सोभा सुख सागर॥5॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
चौपाई :
बंधु बंस तैं कीन्ह उजागर।
भजेहु राम सोभा सुख सागर॥5॥
भावार्थ:
हे भाई! तूने अपने कुल को दैदीप्यमान कर दिया, जो शोभा और सुख के समुद्र श्री रामजी को भजा॥5॥
English :
IAST :
Meaning :