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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

बिबिध भाँति मंगल कलस गृह गृह रचे सँवारि। सुर ब्रह्मादि सिहाहिं सब रघुबर पुरी निहारि॥344॥

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दोहा : 

बिबिध भाँति मंगल कलस गृह गृह रचे सँवारि।
सुर ब्रह्मादि सिहाहिं सब रघुबर पुरी निहारि॥344॥

भावार्थ:

अनेक प्रकार के मंगल-कलश घर-घर सजाकर बनाए गए हैं। श्री रघुनाथजी की पुरी (अयोध्या) को देखकर ब्रह्मा आदि सब देवता सिहाते हैं॥344॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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