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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

बृंद बृंद मिलि चलीं लोगाईं। सहज सिंगार किएँ उठि धाईं॥ कनक कलस मंगल भरि थारा। गावत पैठहिं भूप दुआरा॥2॥

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चौपाई :

बृंद बृंद मिलि चलीं लोगाईं। सहज सिंगार किएँ उठि धाईं॥
कनक कलस मंगल भरि थारा। गावत पैठहिं भूप दुआरा॥2॥

भावार्थ:

स्त्रियाँ झुंड की झुंड मिलकर चलीं। स्वाभाविक श्रृंगार किए ही वे उठ दौड़ीं। सोने का कलश लेकर और थालों में मंगल द्रव्य भरकर गाती हुईं राजद्वार में प्रवेश करती हैं॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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