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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

बोले मधुर बचन सुरसाईं। मुनि कहँ चले बिकल की नाईं॥ सुनत बचन उपजा अति क्रोधा। माया बस न रहा मन बोधा॥3॥

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चौपाई :

 बोले मधुर बचन सुरसाईं। मुनि कहँ चले बिकल की नाईं॥
सुनत बचन उपजा अति क्रोधा। माया बस न रहा मन बोधा॥3॥

भावार्थ:

देवताओं के स्वामी भगवान ने मीठी वाणी में कहा- हे मुनि! व्याकुल की तरह कहाँ चले? ये शब्द सुनते ही नारद को बड़ा क्रोध आया, माया के वशीभूत होने के कारण मन में चेत नहीं रहा॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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