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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

भगति हेतु सोइ दीनदयाला। चितवत चकित धनुष मखसाला॥ कौतुक देखि चले गुरु पाहीं। जानि बिलंबु त्रास मन माहीं॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई : 

भगति हेतु सोइ दीनदयाला। चितवत चकित धनुष मखसाला॥
कौतुक देखि चले गुरु पाहीं। जानि बिलंबु त्रास मन माहीं॥3॥

भावार्थ:

वही दीनों पर दया करने वाले श्री रामजी भक्ति के कारण धनुष यज्ञ शाला को चकित होकर (आश्चर्य के साथ) देख रहे हैं। इस प्रकार सब कौतुक (विचित्र रचना) देखकर वे गुरु के पास चले। देर हुई जानकर उनके मन में डर है॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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