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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मासपारायण पाठ

भूपति भवन सुभायँ सुहावा। सुरपति सदनु न पटतर पावा॥ मनिमय रचित चारु चौबारे। जनु रतिपति निज हाथ सँवारे॥4॥

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श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand

चौपाई

भूपति भवन सुभायँ सुहावा। सुरपति सदनु न पटतर पावा॥
मनिमय रचित चारु चौबारे। जनु रतिपति निज हाथ सँवारे॥4॥

भावार्थ:

महाराज दशरथजी का महल तो स्वभाव से ही सुंदर है, इन्द्रभवन भी जिसकी समानता नहीं पा सकता। उसमें सुंदर मणियों के रचे चौबारे (छत के ऊपर बँगले) हैं, जिन्हें मानो रति के पति कामदेव ने अपने ही हाथों सजाकर बनाया है॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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