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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

मुनिहि मिलत अस सोह कृपाला। कनक तरुहि जनु भेंट तमाला॥ राम बदनु बिलोक मुनि ठाढ़ा। मानहुँ चित्र माझ लिखि काढ़ा॥12॥

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चौपाई

मुनिहि मिलत अस सोह कृपाला। कनक तरुहि जनु भेंट तमाला॥
राम बदनु बिलोक मुनि ठाढ़ा। मानहुँ चित्र माझ लिखि काढ़ा॥12॥

भावार्थ:

कृपालु श्री रामचन्द्रजी मुनि से मिलते हुए ऐसे शोभित हो रहे हैं, मानो सोने के वृक्ष से तमाल का वृक्ष गले लगकर मिल रहा हो। मुनि (निस्तब्ध) खड़े हुए (टकटकी लगाकर) श्री रामजी का मुख देख रहे हैं, मानो चित्र में लिखकर बनाए गए हों॥12॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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