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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

राम सपथ सुनि मुनि जनकु सकुचे सभा समेत। सकल बिलोकत भरत मुखु बनइ न ऊतरु देत॥296॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand

चौपाई

राम सपथ सुनि मुनि जनकु सकुचे सभा समेत।
सकल बिलोकत भरत मुखु बनइ न ऊतरु देत॥296॥

भावार्थ:

श्री रामचन्द्रजी की शपथ सुनकर सभा समेत मुनि और जनकजी सकुचा गए (स्तम्भित रह गए)। किसी से उत्तर देते नहीं बनता, सब लोग भरतजी का मुँह ताक रहे हैं॥296॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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