लघु बायस बपु धरि हरि संगा। देखउँ बालचरित बहु रंगा॥4॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
सप्तमः सोपानः | Descent 7th
श्री उत्तरकाण्ड | Shri Uttara Kanda
चौपाई :
लघु बायस बपु धरि हरि संगा।
देखउँ बालचरित बहु रंगा॥4॥
भावार्थ:
छोटे से कौए का शरीर धरकर और भगवान् के साथ-साथ फिरकर मैं उनके भाँति-भाँति के बाल चरित्रों को देखा करता हूँ॥4॥
IAST :
Meaning :