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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 लोकहुँ बेद सुसाहिब रीती। बिनय सुनत पहिचानत प्रीती॥ गनी गरीब ग्राम नर नागर। पंडित मूढ़ मलीन उजागर॥3॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 27.3|  |Caupāī 27.3

 लोकहुँ बेद सुसाहिब रीती। बिनय सुनत पहिचानत प्रीती॥
गनी गरीब ग्राम नर नागर। पंडित मूढ़ मलीन उजागर॥3॥

भावार्थ:-लोक और वेद में भी अच्छे स्वामी की यही रीति प्रसिद्ध है कि वह विनय सुनते ही प्रेम को पहचान लेता है। अमीर-गरीब, गँवार-नगर निवासी, पण्डित-मूर्ख, बदनाम-यशस्वी॥3॥

 

lōkahuom bēda susāhiba rītīṃ. binaya sunata pahicānata prītī..
ganī garība grāmanara nāgara. paṃḍita mūḍha malīna ujāgara..

In the world as well as in the Vedas we observe the following characteristic in a good master, viz., that he comes to recognize one’s devotion to him as soon as he hears one’s prayer. Rich or poor, rustic or urban, learned or unlettered, of good repute or bad,

 


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