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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 सकल कामना हीन जे राम भगति रस लीन। नाम सुप्रेम पियूष ह्रद तिन्हहुँ किए मन मीन॥22॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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दोहा 22|  |Dohas 22

 सकल कामना हीन जे राम भगति रस लीन।
नाम सुप्रेम पियूष ह्रद तिन्हहुँ किए मन मीन॥22॥

भावार्थ:-जो सब प्रकार की (भोग और मोक्ष की भी) कामनाओं से रहित और श्री रामभक्ति के रस में लीन हैं, उन्होंने भी नाम के सुंदर प्रेम रूपी अमृत के सरोवर में अपने मन को मछली बना रखा है (अर्थात्‌ वे नाम रूपी सुधा का निरंतर आस्वादन करते रहते हैं, क्षणभर भी उससे अलग होना नहीं चाहते)॥22॥

 

sakala kāmanā hīna jē rāma bhagati rasa līna.
nāma suprēma piyūṣa hada tinhahuom kiē mana mīna..22..

Even those who are free from all desires and absorbed in the joy of devotion to Sri Rama have thrown their heart as fish into the nectarine lake of supreme affection for the Name.(22)

 


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