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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सांत बेषु करनी कठिन बरनि न जाइ सरूप। धरि मुनितनु जनु बीर रसु आयउ जहँ सब भूप॥268॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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दोहा : 

सांत बेषु करनी कठिन बरनि न जाइ सरूप।
धरि मुनितनु जनु बीर रसु आयउ जहँ सब भूप॥268॥

भावार्थ:

शांत वेष है, परन्तु करनी बहुत कठोर हैं, स्वरूप का वर्णन नहीं किया जा सकता। मानो वीर रस ही मुनि का शरीर धारण करके, जहाँ सब राजा लोग हैं, वहाँ आ गया हो॥268॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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