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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सादर सब के पाय पखारे। जथाजोगु पीढ़न्ह बैठारे॥ धोए जनक अवधपति चरना। सीलु सनेहु जाइ नहिं बरना॥2॥

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चौपाई : 

सादर सब के पाय पखारे। जथाजोगु पीढ़न्ह बैठारे॥
धोए जनक अवधपति चरना। सीलु सनेहु जाइ नहिं बरना॥2॥

भावार्थ:

आदर के साथ सबके चरण धोए और सबको यथायोग्य पीढ़ों पर बैठाया। तब जनकजी ने अवधपति दशरथजी के चरण धोए। उनका शील और स्नेह वर्णन नहीं किया जा सकता॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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