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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सिंघासनु अति दिब्य सुहावा। जाइ न बरनि बिरंचि बनावा॥singhasanu ati dibya suhava| jai na barani biranchi banava||

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई (99.2) | Caupāī (99.2)

 

सिंघासनु अति दिब्य सुहावा। जाइ न बरनि बिरंचि बनावा॥
बैठे सिव बिप्रन्ह सिरु नाई। हृदयँ सुमिरि निज प्रभु रघुराई॥2॥

भावार्थ:

वेदिका पर एक अत्यन्त सुंदर दिव्य सिंहासन था, जिस (की सुंदरता) का वर्णन नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह स्वयं ब्रह्माजी का बनाया हुआ था। ब्राह्मणों को सिर नवाकर और हृदय में अपने स्वामी श्री रघुनाथजी का स्मरण करके शिवजी उस सिंहासन पर बैठ गए॥2॥

English:

singhasanu ati dibya suhava| jai na barani biranchi banava||
baithe siva bipranha siru nai| hridayam sumiri nija prabhu raghurai||2||

 

IAST:
siṃghāsanu ati dibya suhāvā. jāi na barani biraṃci banāvā..
baiṭhē siva bipranha siru nāī. hṛdayaom sumiri nija prabhu raghurāī..

Meaning:

A divinely beautiful throne with the images of a pair of lions for its arms was placed on the altar; being a handiwork of the Creator himself, it beggared description. Bowing His head to the Brahmanas and calling to His mind His own Master, the Lord of Raghus, Siva took His seat on the throne.


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