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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

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सिर भुज बाढ़ि देखि रिपु केरी। भालु कपिन्ह रिस भई घनेरी॥ मरत न मूढ़ कटेहुँ भुज सीसा। धाए कोपि भालु भट कीसा॥1॥

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चौपाई : 

 सिर भुज बाढ़ि देखि रिपु केरी। भालु कपिन्ह रिस भई घनेरी॥
मरत न मूढ़ कटेहुँ भुज सीसा। धाए कोपि भालु भट कीसा॥1॥

भावार्थ:

शत्रु के सिर और भुजाओं की बढ़ती देखकर रीछ-वानरों को बहुत ही क्रोध हुआ। यह मूर्ख भुजाओं के और सिरों के कटने पर भी नहीं मरता, (ऐसा कहते हुए) भालू और वानर योद्धा क्रोध करके दौड़े॥1॥

 

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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