स्वागत पूँछि निकट बैठारे। लछिमन सादर चरन पखारे॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
तृतीय सोपान | Descent Third
श्री अरण्यकाण्ड | Shri Aranya-Kand
चौपाई :
स्वागत पूँछि निकट बैठारे।
लछिमन सादर चरन पखारे॥6॥
भावार्थ:
फिर स्वागत (कुशल) पूछकर पास बैठा लिया। लक्ष्मणजी ने आदर के साथ उनके चरण धोए॥6॥
English :
IAST :
Meaning :