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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

हृदउ न बिदरेउ पंक जिमि बिछुरत प्रीतमु नीरु। जानत हौं मोहि दीन्ह बिधि यहु जातना सरीरु॥146॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand

दोहा

 हृदउ न बिदरेउ पंक जिमि बिछुरत प्रीतमु नीरु।
जानत हौं मोहि दीन्ह बिधि यहु जातना सरीरु॥146॥

भावार्थ:

प्रियतम (श्री रामजी) रूपी जल के बिछुड़ते ही मेरा हृदय कीचड़ की तरह फट नहीं गया, इससे मैं जानता हूँ कि विधाता ने मुझे यह ‘यातना शरीर’ ही दिया है (जो पापी जीवों को नरक भोगने के लिए मिलता है)॥146॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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