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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

अगम सनेह भरत रघुबर को। जहँ न जाइ मनु बिधि हरि हर को॥ सो मैं कुमति कहौं केहि भाँति। बाज सुराग कि गाँडर ताँती॥3॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand

चौपाई

अगम सनेह भरत रघुबर को। जहँ न जाइ मनु बिधि हरि हर को॥
सो मैं कुमति कहौं केहि भाँति। बाज सुराग कि गाँडर ताँती॥3॥

भावार्थ:

भरतजी और श्री रघुनाथजी का प्रेम अगम्य है, जहाँ ब्रह्मा, विष्णु और महादेव का भी मन नहीं जा सकता। उस प्रेम को मैं कुबुद्धि किस प्रकार कहूँ! भला, *गाँडर की ताँत से भी कहीं सुंदर राग बज सकता है?॥3॥ (*तालाबों और झीलों में एक तरह की घास होती है, उसे गाँडर कहते हैं।

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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