अति उतंग जलनिधि चहुँ पासा। कनक कोट कर परम प्रकासा॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
पंचमः सोपान | Descent 5th
श्री सुंदरकाण्ड | Shri Sunderkand
चौपाई :
अति उतंग जलनिधि चहुँ पासा।
कनक कोट कर परम प्रकासा॥6॥
भावार्थ:
वह अत्यंत ऊँचा है, उसके चारों ओर समुद्र है। सोने के परकोटे (चहारदीवारी) का परम प्रकाश हो रहा है॥6॥
English :
IAST :
Meaning :