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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

अवसि चलिअ बन रामु जहँ भरत मंत्रु भल कीन्ह। सोक सिंधु बूड़त सबहि तुम्ह अवलंबनु दीन्ह॥184॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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दोहा

 अवसि चलिअ बन रामु जहँ भरत मंत्रु भल कीन्ह।
सोक सिंधु बूड़त सबहि तुम्ह अवलंबनु दीन्ह॥184॥

भावार्थ:

हे भरतजी! वन को अवश्य चलिए, जहाँ श्री रामजी हैं, आपने बहुत अच्छी सलाह विचारी। शोक समुद्र में डूबते हुए सब लोगों को आपने (बड़ा) सहारा दे दिया॥184॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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