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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

अस कहि कुटिल भई उठि ठाढ़ी। मानहुँ रोष तरंगिनि बाढ़ी॥ पाप पहार प्रगट भइ सोई। भरी क्रोध जल जाइ न जोई॥1॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

अस कहि कुटिल भई उठि ठाढ़ी। मानहुँ रोष तरंगिनि बाढ़ी॥
पाप पहार प्रगट भइ सोई। भरी क्रोध जल जाइ न जोई॥1॥

भावार्थ:

ऐसा कहकर कुटिल कैकेयी उठ खड़ी हुई, मानो क्रोध की नदी उमड़ी हो। वह नदी पाप रूपी पहाड़ से प्रकट हुई है और क्रोध रूपी जल से भरी है, (ऐसी भयानक है कि) देखी नहीं जाती!॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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