आयसु करहिं सकल भयभीता। नवहिं आइ नित चरन बिनीता॥7॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kand
चौपाई :
आयसु करहिं सकल भयभीता। नवहिं आइ नित चरन बिनीता॥7॥
भावार्थ:
डर के मारे सभी उसकी आज्ञा का पालन करते थे और नित्य आकर नम्रतापूर्वक उसके चरणों में सिर नवाते थे॥7॥
English :
IAST :
Meaning :