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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

आसन उचित सबहि नृप दीन्हे। बोलि सूपकारी सब लीन्हे॥ सादर लगे परन पनवारे। कनक कील मनि पान सँवारे॥4॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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चौपाई : 

आसन उचित सबहि नृप दीन्हे। बोलि सूपकारी सब लीन्हे॥
सादर लगे परन पनवारे। कनक कील मनि पान सँवारे॥4॥

भावार्थ:

राजा जनकजी ने सभी को उचित आसन दिए और सब परसने वालों को बुला लिया। आदर के साथ पत्तलें पड़ने लगीं, जो मणियों के पत्तों से सोने की कील लगाकर बनाई गई थीं॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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