एहि प्रकार बल मनहि देखाई। करिहउँ रघुपति कथा सुहाई॥ ब्यास आदि कबि पुंगव नाना। जिन्ह सादर हरि सुजस बखाना॥1॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 13.1| Caupai 13.1
एहि प्रकार बल मनहि देखाई।
करिहउँ रघुपति कथा सुहाई॥
ब्यास आदि कबि पुंगव नाना। जिन्ह सादर हरि सुजस बखाना॥1॥
भावार्थ:-इस प्रकार मन को बल दिखलाकर मैं श्री रघुनाथजी की सुहावनी कथा की रचना करूँगा। व्यास आदि जो अनेकों श्रेष्ठ कवि हो गए हैं, जिन्होंने बड़े आदर से श्री हरि का सुयश वर्णन किया है॥1॥
ēhi prakāra bala manahi dēkhāī. karihauom raghupati kathā suhāī..
byāsa ādi kabi puṃgava nānā. jinha sādara hari sujasa bakhānā..
Reassuring the mind in this way, I shall narrate the charming story of the Lord of Raghus. Vyasa and various other top-ranking poets, who have reverently recounted the blessed glory of Sri Hari,