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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कतहुँ रहउ जौं जीवति होई। तात जतन करि आनउँ सोई॥ सुग्रीवहुँ सुधि मोरि बिसारी। पावा राज कोस पुर नारी॥2॥

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चौपाई

 कतहुँ रहउ जौं जीवति होई। तात जतन करि आनउँ सोई॥
सुग्रीवहुँ सुधि मोरि बिसारी। पावा राज कोस पुर नारी॥2॥

भावार्थ:

कहीं भी रहे, यदि जीती होगी तो हे तात! यत्न करके मैं उसे अवश्य लाऊँगा। राज्य, खजाना, नगर और स्त्री पा गया, इसलिए सुग्रीव ने भी मेरी सुध भुला दी॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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