कबित बिबेक एक नहिं मोरें। सत्य कहउँ लिखि कागद कोरें॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 8.6| Caupāī 8.6
कबित बिबेक एक नहिं मोरें। सत्य कहउँ लिखि कागद कोरें॥6॥
भावार्थ:-इनमें से काव्य सम्बन्धी एक भी बात का ज्ञान मुझमें नहीं है, यह मैं कोरे कागज पर लिखकर (शपथपूर्वक) सत्य-सत्य कहता हूँ॥6॥
kabita bibēka ēka nahiṃ mōrēṃ. satya kahauom likhi kāgada kōrē..
Of these details of poesy, I possess critical knowledge of none. I vouch for it in writing on a blank sheet.(6)