कबि कोबिद रघुबर चरित मानस मंजु मराल। बालबिनय सुनि सुरुचि लखि मो पर होहु कृपाल॥14 ग॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
दोहा 14(ग)| Doha 14(ga)
कबि कोबिद रघुबर चरित मानस मंजु मराल।
बालबिनय सुनि सुरुचि लखि मो पर होहु कृपाल॥14 ग॥
भावार्थ:-कवि और पण्डितगण! आप जो रामचरित्र रूपी मानसरोवर के सुंदर हंस हैं, मुझ बालक की विनती सुनकर और सुंदर रुचि देखकर मुझ पर कृपा करें॥14 (ग)॥
kabi kōbida raghubara carita mānasa maṃju marāla.
bāla binaya suni suruci lakhi mōpara hōhu kṛpāla..14ga.
Poets and wise men, lovely swans sporting in the Manasarovara lake of Sri Rama’s exploits! Hearing my childlike prayer and recognizing my refined taste, be kindly disposed towards me.