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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कहत राम गुन सील सुभाऊ। सजल नयन पुलकेउ मुनिराऊ॥ बहुरि लखन सिय प्रीति बखानी। सोक सनेह मगन मुनि ग्यानी॥4॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

कहत राम गुन सील सुभाऊ। सजल नयन पुलकेउ मुनिराऊ॥
बहुरि लखन सिय प्रीति बखानी। सोक सनेह मगन मुनि ग्यानी॥4॥

भावार्थ:

श्री रामचन्द्रजी के गुण, शील और स्वभाव का वर्णन करते-करते तो मुनिराज के नेत्रों में जल भर आया और वे शरीर से पुलकित हो गए। फिर लक्ष्मणजी और सीताजी के प्रेम की बड़ाई करते हुए ज्ञानी मुनि शोक और स्नेह में मग्न हो गए॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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