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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कह अंगद बिचारि मन माहीं। धन्य जटायू सम कोउ नाहीं॥ राम काज कारन तनु त्यागी। हरि पुर गयउ परम बड़भागी॥4॥

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चौपाई

कह अंगद बिचारि मन माहीं। धन्य जटायू सम कोउ नाहीं॥
राम काज कारन तनु त्यागी। हरि पुर गयउ परम बड़भागी॥4॥

भावार्थ:

 अंगद ने मन में विचार कर कहा- अहा! जटायु के समान धन्य कोई नहीं है। श्री रामजी के कार्य के लिए शरीर छोड़कर वह परम बड़भागी भगवान्‌ के परमधाम को चला गया॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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