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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

काम कला कछु मुनिहि न ब्यापी। निज भयँ डरेउ मनोभव पापी॥ सीम कि चाँपि सकइ कोउ तासू। बड़ रखवार रमापति जासू॥4॥

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चौपाई :

काम कला कछु मुनिहि न ब्यापी। निज भयँ डरेउ मनोभव पापी॥
सीम कि चाँपि सकइ कोउ तासू। बड़ रखवार रमापति जासू॥4॥

भावार्थ:

परन्तु कामदेव की कोई भी कला मुनि पर असर न कर सकी। तब तो पापी कामदेव अपने ही (नाश के) भय से डर गया। लक्ष्मीपति भगवान जिसके बड़े रक्षक हों, भला, उसकी सीमा (मर्यादा) को कोई दबा सकता है? ॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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