कुंभकरन रावन द्वौ भाई। इहाँ हते सुर मुनि दुखदाई॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
चौपाई :
कुंभकरन रावन द्वौ भाई।
इहाँ हते सुर मुनि दुखदाई॥6॥
भावार्थ:
देवताओं और मुनियों को दुःख देने वाले कुंभकर्ण और रावण दोनों भाई यहाँ मारे गए॥6॥
IAST :
Meaning :