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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कृपादृष्टि करि बृष्टि प्रभु अभय किए सुर बृंद। भालु कीस सब हरषे जय सुख धाम मुकुंद॥103॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand

दोहा : 

कृपादृष्टि करि बृष्टि प्रभु अभय किए सुर बृंद।
भालु कीस सब हरषे जय सुख धाम मुकुंद॥103॥

भावार्थ:

प्रभु श्री रामचंद्रजी ने कृपा दृष्टि की वर्षा करके देव समूह को निर्भय कर दिया। वानर-भालू सब हर्षित हुए और सुखधाम मुकुन्द की जय हो, ऐसा पुकारने लगे॥103॥

 

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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