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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

खल अघ अगुन साधु गुन गाहा। उभय अपार उदधि अवगाहा॥ तेहि तें कछु गुन दोष बखाने। संग्रह त्याग न बिनु पहिचाने॥1॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई1 |Caupāī 1

 

खल अघ अगुन साधु गुन गाहा। उभय अपार उदधि अवगाहा॥
तेहि तें कछु गुन दोष बखाने। संग्रह त्याग न बिनु पहिचाने॥1॥

भावार्थ:-दुष्टों के पापों और अवगुणों की और साधुओं के गुणों की कथाएँ- दोनों ही अपार और अथाह समुद्र हैं। इसी से कुछ गुण और दोषों का वर्णन किया गया है, क्योंकि बिना पहचाने उनका ग्रहण या त्याग नहीं हो सकता॥1॥

khala agha aguna sādhū guna gāhā. ubhaya apāra udadhi avagāhā..
tēhi tēṃ kachu guna dōṣa bakhānē. saṃgraha tyāga na binu pahicānē..

The tales of sins and vices of the wicked, on the one hand, and of the virtues of the virtuous, on the other, are like boundless and unfathomable oceans. That is why I have enumerated only a few virtues and vices; for they cannot be acquired or discarded without being duly distinguished.


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