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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

चरन चाँपि कहि कहि मृदु बानी। जननीं सकल भरत सनमानी॥ भाइहि सौंपि मातु सेवकाई। आपु निषादहि लीन्ह बोलाई॥2॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

 चरन चाँपि कहि कहि मृदु बानी। जननीं सकल भरत सनमानी॥
भाइहि सौंपि मातु सेवकाई। आपु निषादहि लीन्ह बोलाई॥2॥

भावार्थ:

चरण दबाकर और कोमल वचन कह-कहकर भरतजी ने सब माताओं का सत्कार किया। फिर भाई शत्रुघ्न को माताओं की सेवा सौंपकर आपने निषाद को बुला लिया॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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