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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

चली सुहावनि त्रिबिध बयारी। काम कृसानु बढ़ावनिहारी॥ रंभादिक सुर नारि नबीना। सकल असमसर कला प्रबीना॥2॥

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चौपाई :

चली सुहावनि त्रिबिध बयारी। काम कृसानु बढ़ावनिहारी॥
रंभादिक सुर नारि नबीना। सकल असमसर कला प्रबीना॥2॥

भावार्थ:

कामाग्नि को भड़काने वाली तीन प्रकार की (शीतल, मंद और सुगंध) सुहावनी हवा चलने लगी। रम्भा आदि नवयुवती देवांगनाएँ, जो सब की सब कामकला में निपुण थीं,॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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