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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

चहत न भरत भूपतहि भोरें। बिधि बस कुमति बसी जिय तोरें॥ सो सबु मोर पाप परिनामू। भयउ कुठाहर जेहिं बिधि बामू॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

 चहत न भरत भूपतहि भोरें। बिधि बस कुमति बसी जिय तोरें॥
सो सबु मोर पाप परिनामू। भयउ कुठाहर जेहिं बिधि बामू॥1॥

भावार्थ:

भरत तो भूलकर भी राजपद नहीं चाहते। होनहारवश तेरे ही जी में कुमति आ बसी। यह सब मेरे पापों का परिणाम है, जिससे कुसमय (बेमौके) में विधाता विपरीत हो गया॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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