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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

चारि सिंघासन सहज सुहाए। जनु मनोज निज हाथ बनाए॥ तिन्ह पर कुअँरि कुअँर बैठारे। सादर पाय पुनीत पखारे॥1॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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चौपाई : 

चारि सिंघासन सहज सुहाए। जनु मनोज निज हाथ बनाए॥
तिन्ह पर कुअँरि कुअँर बैठारे। सादर पाय पुनीत पखारे॥1॥

भावार्थ:

स्वाभाविक ही सुंदर चार सिंहासन थे, जो मानो कामदेव ने ही अपने हाथ से बनाए थे। उन पर माताओं ने राजकुमारियों और राजकुमारों को बैठाया और आदर के साथ उनके पवित्र चरण धोए॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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