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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

जथा दरिद्र बिबुधतरु पाई। बहु संपति मागत सकुचाई॥ तासु प्रभाउ जान नहिं सोई। तथा हृदयँ मम संसय होई॥3॥

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चौपाई :

जथा दरिद्र बिबुधतरु पाई। बहु संपति मागत सकुचाई॥
तासु प्रभाउ जान नहिं सोई। तथा हृदयँ मम संसय होई॥3॥

भावार्थ:

जैसे कोई दरिद्र कल्पवृक्ष को पाकर भी अधिक द्रव्य माँगने में संकोच करता है, क्योंकि वह उसके प्रभाव को नहीं जानता, वैसे ही मेरे हृदय में संशय हो रहा है॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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