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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 जननिहि बिकल बिलोकि भवानी। बोली जुत बिबेक मृदु बानी॥ jananihi bikala biloki bhavani| boli juta bibeka nridu bani||

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda

चौपाई (96.3)| Caupāī (96.3)

 

 जननिहि बिकल बिलोकि भवानी। बोली जुत बिबेक मृदु बानी॥
अस बिचारि सोचहि मति माता। सो न टरइ जो रचइ बिधाता॥3॥

भावार्थ:

माता को विकल देखकर पार्वतीजी विवेक युक्त कोमल वाणी बोलीं- हे माता! जो विधाता रच देते हैं, वह टलता नहीं, ऐसा विचार कर तुम सोच मत करो!॥3॥

English:

 jananihi bikala biloki bhavani| boli juta bibeka nridu bani||
asa bichari sochahi mati mata| so na tarai jo rachai bidhata||3||

IAST:

jananihi bikala bilōki bhavānī. bōlī juta bibēka mṛdu bānī..
asa bicāri sōcahi mati mātā. sō na ṭarai jō racai bidhātā..

Meaning:

Seeing Her mother distressed, Bhavani addressed the following soft yet prudent words to her. “Whatever is ordained by Providence cannot be altered. Realizing this be not worried, mother.


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