जासु कथा कुंभज रिषि गाई। भगति जासु मैं मुनिहि सुनाई॥ सोइ मम इष्टदेव रघुबीरा। सेवत जाहि सदा मुनि धीरा॥4॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 50.4 | Caupāī 50.4
जासु कथा कुंभज रिषि गाई। भगति जासु मैं मुनिहि सुनाई॥
सोइ मम इष्टदेव रघुबीरा। सेवत जाहि सदा मुनि धीरा॥4॥
भावार्थ:-जिनकी कथा का अगस्त्य ऋषि ने गान किया और जिनकी भक्ति मैंने मुनि को सुनाई, ये वही मेरे इष्टदेव श्री रघुवीरजी हैं, जिनकी सेवा ज्ञानी मुनि सदा किया करते हैं॥4॥
jāsu kathā kubhaṃja riṣi gāī. bhagati jāsu maiṃ munihi sunāī..
sōu mama iṣṭadēva raghubīrā. sēvata jāhi sadā muni dhīrā..
He is no other than RŒma, the Hero of Raghu’s race, My beloved Deity, whose story was sung by the jar-born sage Agastya, faith in whom was the subject of the talk I gave to him and whom illumined sages ever wait upon.