जे जनमे कलिकाल कराला। करतब बायस बेष मराला॥ चलत कुपंथ बेद मग छाँड़े। कपट कलेवर कलि मल भाँड़े॥1॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 11.1 |Caupāī 11.1
जे जनमे कलिकाल कराला।
करतब बायस बेष मराला॥
चलत कुपंथ बेद मग छाँड़े। कपट कलेवर कलि मल भाँड़े॥1॥
भावार्थ:-जो कराल कलियुग में जन्मे हैं, जिनकी करनी कौए के समान है और वेष हंस का सा है, जो वेदमार्ग को छोड़कर कुमार्ग पर चलते हैं, जो कपट की मूर्ति और कलियुग के पापों के भाँड़ें हैं॥1॥
jē janamē kalikāla karālā. karataba bāyasa bēṣa marālā..
calata kupaṃtha bēda maga chāomḍaē. kapaṭa kalēvara kali mala bhāomḍaēṃ..
Those who are born in this terrible age of Kali, who though akin to the crow in their doings have put on the garb of a swan, who tread the evil path, abandoning the track of the Vedas, who are embodiments of falsehood and repositories of sins of the Kali age,