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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 झूठि न होइ देवरिषि बानी। सोचहिं दंपति सखीं सयानी॥juthi na hoi devarishi bani| sochahim dampati sakhim sayani||

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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 झूठि न होइ देवरिषि बानी। सोचहिं दंपति सखीं सयानी॥
उर धरि धीर कहइ गिरिराऊ। कहहु नाथ का करिअ उपाऊ॥4॥

भावार्थ:

देवर्षि की वाणी झूठी न होगी, यह विचार कर हिमवान्‌, मैना और सारी चतुर सखियाँ चिन्ता करने लगीं। फिर हृदय में धीरज धरकर पर्वतराज ने कहा- हे नाथ! कहिए, अब क्या उपाय किया जाए?॥4॥

English:

juthi na hoi devarishi bani| sochahim dampati sakhim sayani||
ura dhari dhira kahai girirau| kahahu natha ka karia upau||4||

IAST:

jhūṭhi na hōi dēvariṣi bānī. sōcahi daṃpati sakhīṃ sayānī..
ura dhari dhīra kahai girirāū. kahahu nātha kā karia upāū..

Meaning:

The prediction of the sage could not be false: the thought made Himavan and his wife as well as the senior playmates anxious. Collecting himself, the lord of mountains said, “Tell me, holy sir, what remedy should now be employed?”

 


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